होते हैं छोटे दिन खुशियों के, और विरह की रैन लंबी, पा न सकें कभी मंज़िल अपनी, लघु प्रीत की कच्ची पगडंडी। ( मेरी पुस्तक, कच्चे मन की कोरी प्रीत ) #कच्चे मन की कोरी प्रीत #yqdidi #yqmuse