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दृश्य स्वरूप से परे, मेरा एक निजस्वरूप भी है हजार

दृश्य स्वरूप से परे, मेरा एक निजस्वरूप भी है

हजारों वस्त्र तन के लिए पर नजरदोष का क्या?

कुदरत से प्राप्त कुदरती जिस्म अनमोल है मेरा

तुम्हारा वजूद भी मिटेगा खुद को मिटा दूं क्या?

©Anil Ray विचारार्थ लेखन.................✍🏻

"सर! उस साली के बहुत पंख निकल आए हैं। कहती हैं मैं औरों के जैसी नहीं हूँ ... अजीब गंदी औरत है जो साफ होने की नौटंकी करती है।"

"उसके खिलाफ़ कोई शिकायत है क्या ?"

"नहीं, पर कागजों में शिकायत दर्ज़ करने में कितना समय लगता है भला , निकाल बाहर कीजिये साली को । ऐसी पता नहीं कितनी प्रोफेसर लाइन में लगी मिल जाएंगी।"
anilray3605

Anil Ray

Bronze Star
Growing Creator

विचारार्थ लेखन.................✍🏻 "सर! उस साली के बहुत पंख निकल आए हैं। कहती हैं मैं औरों के जैसी नहीं हूँ ... अजीब गंदी औरत है जो साफ होने की नौटंकी करती है।" "उसके खिलाफ़ कोई शिकायत है क्या ?" "नहीं, पर कागजों में शिकायत दर्ज़ करने में कितना समय लगता है भला , निकाल बाहर कीजिये साली को । ऐसी पता नहीं कितनी प्रोफेसर लाइन में लगी मिल जाएंगी।" #Office #Women #thought #nojotohindi #crime #Meradesh #Disrespect #Anil_Kalam #Anil_Ray

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