"द्वापर युग" का "कलयुग" में पुनरावृत्ति हुआ है। किस तरह अतीत का, वर्तमान में आवृति हुआ है। पहले डूबी थी राधा प्रेम में, कृष्ण की प्रेयसी बनकर, कल युग में पुरुष ने प्रेयसी बन, प्रेम विरह को महसूस किया है। ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya) #प्रेम_विरह