कहते हैँ रिश्वत देने वाला भी उसी दर्ज़े का अपराधी हैँ जितना रिश्व्वत लेने वाला फिर हम भगवान को भी क्यो न खड़ा करे कटघरे मे ये तुच्छ सा नारियल ये पूजा अर्चना और अगरबत्तियों का धुआँ . क्योंकर स्वीकार कर लेता हैँ और उसके एवज़ मे किसी को परीक्षा मे सफलता दिला देता हैँ कभो किसो बॉंझ को . गर्भवती बना देता हैँ और कभी कभी तो किसी क़े दुश्मन को उठवाने की सोपारी भी ले लेता हैँ रिश्वत और भगवान........