मेरे जिस्म से खून का कतरा कतरा यूं बह गया, तू नादां है तुझे तेरी औकात मालूम नहीं, आज से तेरा मेरा कोई रिश्ता नहीं, रह गया मेरे दिल के बहुत करीब था वो बता नहीं सकता वो क्या कह गया, ©Rajesh rajak हम जीते हैं क्यों और किस लिए,