मेरा भी इनकाउंटर कर दो.. या हादसों के नाम कर दो.. अपने कोटे को ख़ून से भर दो.. चोरी डक़ैती हत्या कम नहीं हुई.. मेरे रूह पर अवैध कब्जा कर लो.. तुम्हारे बस में नहीं है रोजगार देने की! तुम्हारे बस में नहीं है वादा निभाने की! तुम्हारे बस में नहीं है न्याय देने की! महंगाई भागती है की जान ले लेगी! नफ़रत की सुनामी सब कुछ हर लेगी! धरम के नाम पर तुम तो अधर्मी हो! यैसे कर्म नेता को बदनाम कर देगी! मेरे मरने के बाद आंसू निकलेंगे! मेरे परिवार को कुछ लाख दे दोगे! हो सकता है घर और रोजगार दे दोगे! मेरे अर्थी से देश की विकाश निकलेगी! 🙏🙏🙏🙏🙏✍️ हरीश वर्मा हरी बेचैन 8840812718 मेरा भी इनकाउंटर कर दो.. या हादसों के नाम कर दो.. अपने कोटे को ख़ून से भर दो.. चोरी डक़ैती हत्या कम नहीं हुई.. मेरे रूह पर अवैध कब्जा कर लो.. तुम्हारे बस में नहीं है रोजगार देने की! तुम्हारे बस में नहीं है वादा निभाने की! तुम्हारे बस में नहीं है न्याय देने की!