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जिन बातुनियो के सानिध्य में मैंने शांत रहना सीखा औ

जिन बातुनियो के सानिध्य में मैंने शांत रहना
सीखा
और जिन असहिष्णु व्यक्तियों से  सहनसीलता
का पाठ सीखा  और निर्दई लोगो  के संपर्क
में रह कर  मेरे भीतर दयालुता का कीड़ा
कुलबुलाया था..   क्या ये मेरा फर्ज़ नही
कि इन. बातुनी. निर्दयी और  असहिष्णु. लोगो क़ो
अपना शिक्षक  मानकर  उनका  आभार
व्यक्त करू?

©Parasram Arora आभार......
जिन बातुनियो के सानिध्य में मैंने शांत रहना
सीखा
और जिन असहिष्णु व्यक्तियों से  सहनसीलता
का पाठ सीखा  और निर्दई लोगो  के संपर्क
में रह कर  मेरे भीतर दयालुता का कीड़ा
कुलबुलाया था..   क्या ये मेरा फर्ज़ नही
कि इन. बातुनी. निर्दयी और  असहिष्णु. लोगो क़ो
अपना शिक्षक  मानकर  उनका  आभार
व्यक्त करू?

©Parasram Arora आभार......