Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं गुस्साती हूँ, रोष जताती हूँ, माँ पर,माँ समान ब

मैं गुस्साती हूँ, रोष जताती हूँ,
माँ पर,माँ समान बड़ी दीदी,
छोटी बहन और अपनी जनी बेटी पर।
इन सबमें,कुछ मेरा,मुझ जैसा है,
इसलिए मैं इनसे सहज हो पाती हूँ,
झल्लाती हूँ, चिल्लाती हूँ,अपनी
कमजोरी जाहिर कर पाती हूँ,
प्यार जताना नहीं आता, तो
चीख कर अधिकार जताती हूँ,
सच है कि उनके माध्यम से,
मैं खुद पर आक्रोश जताती हूँ,
उनपर अधिकार समझती हूँ,अतः
अपने साथ उनको भी दोषी ठहराती हूँ।
 मैं गुस्साती हूँ, रोष जताती हूँ,
माँ पर, माँ समान बड़ी दीदी,
बहन और अपनी जनी बेटी पर।
इन सबमें,कुछ मेरा,मुझ जैसा है,
इसलिए मैं इनसे सहज हो पाती हूँ,
झल्लाती हूँ, चिल्लाती हूँ,अपनी
कमजोरी जाहिर कर पाती हूँ,
प्यार जताना नहीं आता, तो
मैं गुस्साती हूँ, रोष जताती हूँ,
माँ पर,माँ समान बड़ी दीदी,
छोटी बहन और अपनी जनी बेटी पर।
इन सबमें,कुछ मेरा,मुझ जैसा है,
इसलिए मैं इनसे सहज हो पाती हूँ,
झल्लाती हूँ, चिल्लाती हूँ,अपनी
कमजोरी जाहिर कर पाती हूँ,
प्यार जताना नहीं आता, तो
चीख कर अधिकार जताती हूँ,
सच है कि उनके माध्यम से,
मैं खुद पर आक्रोश जताती हूँ,
उनपर अधिकार समझती हूँ,अतः
अपने साथ उनको भी दोषी ठहराती हूँ।
 मैं गुस्साती हूँ, रोष जताती हूँ,
माँ पर, माँ समान बड़ी दीदी,
बहन और अपनी जनी बेटी पर।
इन सबमें,कुछ मेरा,मुझ जैसा है,
इसलिए मैं इनसे सहज हो पाती हूँ,
झल्लाती हूँ, चिल्लाती हूँ,अपनी
कमजोरी जाहिर कर पाती हूँ,
प्यार जताना नहीं आता, तो