#FourLinePoetry आज-कल मैं तुम्हारा हमदर्द नहीं रहा बदली फ़िज़ा का मौसम सर्द नहीं रहा ऐसा क्या हो गया मुझको नहीं मालूम पर मेरा क़िरदार अब ख़ुदग़र्ज़ नहीं रहा ©Kirbadh #fourlinepoetry कविताएं कविता कोश