White स्वरचित गीत............................ बदलते रिश्ते .................. जब वो हमारे न रहे हमको किसी बात की शिकायत भी ना रही हम तो हम ही रहे रिश्तों में पर वो गर्माहट ना रही... हमने ज़माने को कुछ यूं है बदलते देखा अपनी सुविधा से लोगों ने जब खींच ली नई रेखा... न बात रही न बात की औकात ही रही हर जगह स्वार्थ की मैली गंगा जो है बह रही... झुकी नजरें बेरुखी अजीब सी कह देती उनकी कहानी सारी समझने की कुछ भी जरुरत ही ना रही हमको किसी बात की शिकायत भी न रही... जब वो हमारे ना रहे सब समझ बूझ कर भी हम गले लगाते ही रहे मुस्कुराते भी रहे... @वीएस दीक्षित ©vs dixit #बदलतेरिश्ते