निगाह,लब कत्ल कर जाते। आवाम शहर कहाँ सर उठाते? लख्त-ए-दिल कबूल होता गर। शान से सर हम भी कटाते।। मुकेश गोगडे ©kavi mukesh gogdey #इश्क #मुकेशगोगडे #दिल