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Alone यू ही नहीं मिलती राही को मंज़िल..... एक ज

Alone   यू ही नहीं मिलती राही को मंज़िल.....

एक जूनून सा दिल में जगाना होता है ।

पूछा  चिडियाँ से केसे बनाया आसीयाना .बोली.

भरनी पडती है उड़ान बार बार तिनका-तिनका 
 
उठाना होता है ।।

poetry jyoti khandelwal. Sirohi jyoti khandelwal
Alone   यू ही नहीं मिलती राही को मंज़िल.....

एक जूनून सा दिल में जगाना होता है ।

पूछा  चिडियाँ से केसे बनाया आसीयाना .बोली.

भरनी पडती है उड़ान बार बार तिनका-तिनका 
 
उठाना होता है ।।

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