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कुछ घरोंदे घरों से मजबूत मिल जाते हैं आज भी चतुरा

कुछ घरोंदे घरों से मजबूत मिल जाते हैं आज भी 
चतुराई की नहीं चलती जहां कोई चाल आज भी 

पुरानी पड़ खुशियों को नया बनाए रखते हैं 
खुश रहने की चाह को सबसे जरूरी समझते हैं 

आज भी बसती है कच्ची हवेलियों में पक्के रिश्तो की खुशबू 
फरेबी फरिश्तो के लालच में आए बगैर पकड़ लेते है झूठ
बबली भाटी बैसला,

©Babli BhatiBaisla  चाँदनी  Ravi Ranjan Kumar Kausik  Vikram vicky 3.0  R Ojha  Ashutosh Mishra  vineetapanchal
कुछ घरोंदे घरों से मजबूत मिल जाते हैं आज भी 
चतुराई की नहीं चलती जहां कोई चाल आज भी 

पुरानी पड़ खुशियों को नया बनाए रखते हैं 
खुश रहने की चाह को सबसे जरूरी समझते हैं 

आज भी बसती है कच्ची हवेलियों में पक्के रिश्तो की खुशबू 
फरेबी फरिश्तो के लालच में आए बगैर पकड़ लेते है झूठ
बबली भाटी बैसला,

©Babli BhatiBaisla  चाँदनी  Ravi Ranjan Kumar Kausik  Vikram vicky 3.0  R Ojha  Ashutosh Mishra  vineetapanchal