आहिस्ता आहिस्ता उतरते हैं अस्तर लोगों के हैं मुखौटे बैमानी के हैं कितने मुखौटे बैमानों के रहा गर नफे में तूं तो सब साथ हैं तेरे गर हुआ किसी रोज़ घाटा वक्त का उस रोज़ मोखौटे उतर सब चेहरे साफ़ नज़र आएंगे बैमानों के ©Manish Sarita(माँ )Kumar मोखौटे हैं सब के चेहरों पर #mukhota #बस्ती #Trending #Hate #मात्र भाषा हिंदी #WinterEve