कोविड के शहीदों को श्रद्धांजलि वे कर्मभूमि के हैं शहीद, हम उनकी थाती संजोयेंगे, संकल्प यही, मिटे निशान नहीं, उनकी बगिया में मुस्कान फिर बोयेंगे। (पूरी कविता caption में) जन जीवन सब ठहर गया, गलियाँ भी सुनसान हुई, उस दिन भी सूनी सड़कों पर, वे निकले थे सूरज बन कर। लोग पास आने से कतराते थे, छू जाने से घबराते थे, जोखिम से हाथ मिलाकर वो