White बात न करना तो बहाना है, सबसे क्यों छिपते फिरते हो। आज कर दो ऐलान, के सच में तुम उससे डरते हो।। ख़ामोशी में छुपी इक चीख़, हर सांस में दबी है कहीं, अब और क्यों खुद को छलते हो। मान लो, तुम वाक़ई डरते हो।। क्यों न गिरा देते झूठ का पर्दा, बनाए हुए है जो दिल पर बोझ, डर के आगे भी एक जहां है, जहां सच बोलना आसां है। एक कदम बढ़ाओ, खुद को आइने में कभी तो देखो, सच के साए में चलना सिखो। ©नवनीत ठाकुर #तुम उससे डरते हो