नक़ाब-ए-रुख़ उठाया जा रहा है घटा में चाँद आया जा रहा है ज़माने की निगाहों में समो कर मुझे दिल से भुलाया जा रहा है अभी अरमान कुछ बाक़ी हैं दिल में मुझे फिर आज़माया जा रहा है ©words_of_heart_pa नक़ाब-ए-रुख़ उठाया जा रहा है घटा में चाँद आया जा रहा है ज़माने की निगाहों में समो कर मुझे दिल से भुलाया जा रहा है अभी अरमान कुछ बाक़ी हैं दिल में मुझे फिर आज़माया जा रहा है