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चल चल कांटों की राह पर,पैर हुए लाचार। ख्वाब निरंकु

चल चल कांटों की राह पर,पैर हुए लाचार।
ख्वाब निरंकुश चाहतें छुने चलली आकाश।

बंद मुट्ठी में किसमत पकड़ कर लाए अपने साथ।
खुलते ही मुट्ठी बिखर गया भाग्य का फरमान।

बनकर बंधक के कर्म के पीड़ित हुए हम भाग्य से।
कर्म कमाई का कहे,,,,,,,,,,,,या भाग्य बना प्रधान।

कर्म जगत में प्रधाश है कह गए ज्ञानी ध्यानी।
भाग्य नित रच रहा हर दिन नई कहानी।
अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🙏

©Ashutosh Mishra #Connections 
चल चल कांटों की राह पर पैर हुए लाचार।
ख्वाब निरंकुश चाहतें, छूने चलीं आकाश।
#NojotoTrending #nojotothoughts 
#nojotohindi Anil Ray अदनासा- }{}{ PREET }{}{ Let_the_word_comes_from_soul Anshu writer चाँदनी unnti singh Praveen Jain "पल्लव" ꧁༺pargati༻꧂
ashutoshmishra1014

Ashutosh Mishra

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#Connections चल चल कांटों की राह पर पैर हुए लाचार। ख्वाब निरंकुश चाहतें, छूने चलीं आकाश। #NojotoTrending #nojotothoughts #nojotohindi Anil Ray अदनासा- }{}{ PREET }{}{ Let_the_word_comes_from_soul Anshu writer चाँदनी unnti singh @Praveen Jain "पल्लव" ꧁༺pargati༻꧂

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