मैं वही तो कर रहा हूँ जो काम मुझे दिया गया हैँ इतिहास की पोथियों से ढूंढ रहा हूँ उन हिंसक शख्सियतों को जिनकी आकांक्षये धुल दूसरित हुईं जिनकी विश्व बंधुत्व को नेस्तनाबूद करने की मंशा नाकाम हुईं जिन्होंने पथर की क्यारियों मे लगे फूलों को नष्ट किया औऱ काँटों को वंशवाद दिया.. हिंसक शक्सियते.......