पुष्प अलग अलग है रूप सभी का तरह तरह के रंग हैं पर सबकी मुश्कान एक सी जो फूलों के संग है बाँट रहें हैं खुशबू अपनी बहती मंद हवाओं को उनके मधु के लिए परस्पर भौंरे करते जंग हैं लुभा रहें हैं सबके मन को जब हिलते हैं लब उनके तेज धूप में भी खुश रहते देख जमाना दंग है जीवन जीना हमें सिखाते बेखुद रहते एक सा तूफानों में भी ना फीकी पड़ती कभी उमंग है ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #पुष्प