बिखरी सब ख़्वाहिशें मेरी..तेरे दर पे रख दी निकाल कर, कुछ हसरतें मेरी कमाल है..कुछ तूने दिया संभाल कर, ताउम्र की मेरी बंदगी.. तेरी एक नज़र की चाह में, मंजूर एक कतरा भी मगर..दो उसमें दरिया डालकर!! -------अमित ©AMIT KUMAR #हसरतें #बंदगी… #ईश्वर्