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सोचता हूँ अब उसकी याद आखिर किसको रात भर जगाती है,

सोचता हूँ अब उसकी याद आखिर किसको रात भर जगाती है,  
किसकी नींदों में सिसकियाँ बनकर ख़ामोशी सजाती है।  

कभी मेरे दिल का हिस्सा थी, आज किसी और का ख्वाब होगी,  
वो चुपके से अब किसकी तन्हाई में रूह बन समाती है।

©UNCLE彡RAVAN #Night
सोचता हूँ अब उसकी याद आखिर किसको रात भर जगाती है,  
किसकी नींदों में सिसकियाँ बनकर ख़ामोशी सजाती है।  

कभी मेरे दिल का हिस्सा थी, आज किसी और का ख्वाब होगी,  
वो चुपके से अब किसकी तन्हाई में रूह बन समाती है।

©UNCLE彡RAVAN #Night
kaushalkumarjha9952

UNCLE彡RAVAN

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