जो किरदार हो पसे- ए - मंज़र ना हो सकती इसे बड़ी शौहरत। मुझे चाहत नहीं शौहरत की, पस ए मंज़र रहने दो मुझे। #अशोक_अरुज #अल्फ़ाज़_जो_लिखे_तेरी_याद_में ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "पस-ए-मंज़र" "pas-e-manzar" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है पृष्ठभूमि, पीछे, वर्ग एवं अंग्रेजी में अर्थ होता है background. अब तक आप अपनी रचनाओं में पृष्ठभूमि, पीछे, वर्ग शब्द का प्रयोग करते आए हैं। उसकी जगह आप इस उर्दू शब्द पस-ए-मंज़र का प्रयोग कर सकते हैं।