कितने पारंगत होते हैँ ये पिंजरे मे बंद तोते जो नामों को दुहराते हैँ निश्चित ही खुद को भी और दूसरों को भी भरमाने का ही काम कर रहे हैँ वे शायद नहीं जानते क़ि इस नाम दुहराने की कला क़ि वजह से उन्हें ताउम्र पिंजरे मे ही बंधक बन कर रहना पड सकता है और खुदा न खस्ता किसी दिन पिंजरे का मुँह खुला भी रह गया तो वो उड़ना चाहते हुए भी उड़ नहीं पायेगा क्योंकि तब तक उसके पँख उड़ना भूल चुके होंगे ©Parasram Arora #पिंजरे का पंछी........