मुझे मिला था इक मौका, जिसे नादानी में गँवा दिया.... अब लगता है, उसे पाने को सारे सपनें छोड़ दूँ। बाहर दिमाग़ संविधान पढता है.. और जी चाहता है, सारे नियमें तोड़ दूँ। बलवान होने के कई सबूत पेश किये हैं.. और जी चाहता है, माँ के गोद में बैठकर रो दूँ। सभी मेरी मुस्कान के कायल हैं.. और जी चाहता है, दुख की मटकी सबके सामने फोड़ दूँ। ये राहें मुझे किसी अंजान मंजिल तक लेकिन जा रही हैं... जी चाहता है, इन्हें फ़ौरन मोड़ दूँ। हर जगह देता हूँ यह सीख, 'जिओ और जीने दो '.. और जी चाहता है, खुद हीं दम तोड़ दूँ। पर जब देखता हूँ समंदर को, वापस आता ज्वार यही सीख देती है.. विश्वास रखो जिंदगी पर, यह दुबारा मौका जरूर देती है। --कृष्ण कांत कुमार #river #leftgoals #life #Nature