#OpenPoetry एक हाथ में तिरंगा और एक हाथ में ले के हथियार जब देश के लाल शरहद पर खड़े हुए कुछ के हुए चेहरे लाल कुछ के पड़ गए पीले और कुछ के तो पैंट भी गीले हुए फट गया आसमान बंद हो गई जुबान मुंह है दुश्मनों के अब सिले सिले हुए धारा 370 हटते ही बही खुशियों कि धार और हर्ष की बयार पराए भी अपने हुए और दूर सारे सिकवे गीले हुए ठंडे खून थे पड़े जो देख कशमीर का हाल वो भी इस बात से जोशीले हुए तोड़ दी दुष्ट दुश्मन पाकिस्तान की कमर ही हाथ जोड़ गिरे चरणों में , देखो अब कितने लचीले हुए भूल गए सारे , ज्यतिया मामलों का गम देखो सबके चेहरे है खिले खिले हुए हिल गई अलगाव वादियों की निव ही आती नहीं अब उन्हें रातो को नींद भी और दिमाग भी है उनके हिले हिले हुए #OpenPoetry #revokeArticle370 #nomore35A Bharat mata ki Jai Jai Hind