White गुलशन का पुराना माली आज न जाने कई संत बन कर घुम रहा हैँ लगता हैँ झरती हुई फूल की पंखुडियो को गिरता देख उसके भीतर भी कहीं वैराग जाग न गया हो ©Parasram Arora माली या संत