तुम्हारे दिल का पता नही पर, हमारे दिल में तुम्ही तुम्ही हो इधर भी तुम हो उधर भी तुम हो, जिधर मैं देखूं तुम्ही तुम्ही हो तुम्हे शिकायत हजार होंगी, हमें गिला ना है कोई तुमसे इशारा करदो है जान हाजिर, मेरी अदालत तुम्ही तुम्ही हो तुम्ही को मैंने खुदा है माना, तुम्हारे बुत की करी है पूजा है मेरा सजदा तुम्हारे आगे, मेरी खुदाई तुम्ही तुम्ही हो है प्यार करना गुनाह अगर तो, गुनाह हमसे हुआ है लेकिन सजाए सारी कबूल मुझको, मेरी रिहाई तुम्ही तुम्ही हो भुलाना चाहो भुला दो मुझको, तुम्हारे दिल पे है जोर किसका मगर ना होगा कभी ये हमसे, मेरी मोहब्बत तुम्ही तुम्ही हो तुम्हारे दिल का पता नही पर हमारे दिल में तुम्ही तुम्ही हो इधर भी तुम हो उधर भी तुम हो, जिधर मैं देखूं तुम्ही तुम्ही हो..... ©Shailesh Aggarwal तुम्ही तुम्ही हो