Nojoto: Largest Storytelling Platform

पल्लव की डायरी भवो भवो के कर्म काटे तप त्याग धर दय

पल्लव की डायरी
भवो भवो के कर्म काटे
तप त्याग धर
दया करुणा का नीर बहाया था
जन्म मरण को विराम दे कर
अंतिम जन्म कुंडलपुर में पाया था
वीतरागता को प्रतिपादित कर
राग द्वेष का आवरण उतारा था
संयम मार्ग पर चलकर
दुनियाँ को हिंसा की आग से बचाया था
चराचर जीवो का भी जीवन है
जो कर्मो की मार से अकुलाते है
बार बार जन्म मरण बन्धनों का है
मोक्ष मार्ग से आत्मा अजर अमर हो जाते है
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #MahavirJayanti बार बार जन्म मरण बन्धनों का है
#nojotohindi

#MahavirJayanti बार बार जन्म मरण बन्धनों का है #nojotohindi #कविता

738 Views