यूँ तो श्रृंगार हैं,सौभाग्य का, प्रतीक प्रिय के प्यार का, इस मेंहदी के साथ कितने ही, ख्वाब लिखे जाते हैं, लगने से उतरने तक, कितने रंग के उम्मीद जुड़ जाते हैं। मेंहदी