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मुझमें मैं होकर भी मैं नहीं , तुममें तुम हो कर भी

मुझमें मैं होकर भी मैं नहीं ,
तुममें तुम हो कर भी तुम नहीं ,
मैं जब भी मिला तुमसे,
ऐसा लगा खुद से मिल रहा हूँ,
और तुम जब भी मिली मुझसे,
तुम्हें लगा तुम खुद से मिल रही हो,
कैसे कह दूं कि हम जुदा हैं एक-दूजे से,
कैसे कह दूं कि अभी पाना बाकी है तुम्हे,
तुम्हें पाया तो खुद को पाया ऐसा लगता है मुझे...

©Chandan Bharati
  #DhakeHuye