म्यूजिक डायरेक्टर कहते थकग्या,वंस अगेन वंस अगेन, सुर और ताल का बेरा कोन्या, बणे फिरैं सैं तानसेन। ना गावण का ढंग आवै, ना फील किते बी टोई पावै, सुनण आले भी तंग आ लिए, सिर मैं हो लिया पेन। ना रियाज का बेरा के हो सै, ना गुरु ज्ञान का भेद, ना पूजी माता सरस्वती, यो संगीत सै जिनकी देन। बाल सभा मै गावण आले, न्यू आजां बणन स्टार, बी सूथरी सूथरी छोरियां, मिलालें उनतै नैन। घर दूर सैं कलाकारी के,मेरी बात पै करो विचार, थोड़ा बहुत तो सीख लयो, फिर पकड़ियो लैन। "ओमबीर काजल" कई बै सोची,चुप रहण की मनै, पर आज तो लिखे बिना, मनै आया कोन्या चैन।। ©Ombir Kajal आज के तानसेन