दो महात्माओं का अवतरण दो अक्टूबर को हुआ!! सादगी सत्य अहिंसा के वो दूत थे! महामानव का अवतरण एक मोहन दास करम चन्द्र गांधी जी थे! दूजे लाल बहादुर शास्त्री जी थे!! एक ने सत़्य अहिंन्शा को गले से लगाया!! एक लगोटी एक धोती एक लाठी ले जी कर दिखाया! सत्य आग्रह ,सविनय अवज्ञा,अनशन का राह दिखाया! चला कर चरखा देश के स्वाभिमान को जगाया! गांव गांव हो अत्मनिर्भर स्वछता का राह दिखाया! कोई दुश्मन नहीं है जग में सादगी का बयार बहाया! कर के दाण्ड़ी यात्रा काले कानून को अंगूठा दिखाया! भारत छोड़ो, करो मरो का बुलंद नारा से देश को जगाया! छुआ छूत का कर के विरोध मानवता का मान बढाया! रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मत दे भगवान!! किर्तन प्रभु का मिल जुल कर गाया !! कभी महानायक ने पद को लिया नहीं! अपने लिये कभी एक पल जिया नहीं!! अंग्रेज तो मजबूर हुए देश से जाने के लिए! देश को अब तो आजाद होना ही था ! पर हिन्दू को मुस्लिम से,मुस्लिम को हिन्दू से बाट दिया! नेहरू और जिन्ना के जिद ने देश को बरबाद किया! बटवारा ने देश को टुकड़ों में बाट दिया! मारकाट से हो पीड़ित कलकत्ता में भूख हड़ताल किया! देश को गांधी ने बाटा यैसा क्यों कहते हो?? सच्चाई है कि गांधी पर लोगो ने घात पर प्रतिघात किया! अन्त में गोटसे की गोलि के प्रति हे राम का नाम लिया! अहिंन्सा के पुजारी को हिन्सा ने क्यो मार दिया?? येसे ही लाल बहादुर शास्त्री सादगी के मूरत थे!! धरती पूत्र थे कद के छोटे पर हिमालय से ऊंचे थे! साहस,सादगी,इमान ,आचरण से कभी ड़िगे नही!! सचिव,महासचिव,ग्रह मंत्री,रेल मंत्री,वाणिज्य मंत्री रहे! जननायक ने पद से स्वयं ,परिवार को कभी जोड़ा नहीं! देश को सर्वोपर रख कर देश भक्ती कभी छोड़ा नहीं! जीवन था बड़ी मुस्किलों में पर नैतिकता को छोड़ा नहीं! जय जवान जय किसान के पुजारी त्याग के मूरत रहे! महामानव भारत रत्नों को बारम्बार नमन है!! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳✍️ हरीश वर्मा हरी बेचैन ८८४०८१२७१८ दो महात्माओं का अवतरण दो अक्टूबर को हुआ!! सादगी सत्य अहिंसा के वो दूत थे! महामानव का अवतरण एक मोहन दास करम चन्द्र गांधी जी थे! दूजे लाल बहादुर शास्त्री जी थे!! एक ने सत़्य अहिंन्शा को गले से लगाया!! एक लगोटी एक धोती एक लाठी ले जी कर दिखाया! सत्य आग्रह ,सविनय अवज्ञा,अनशन का राह दिखाया!