मेरे बारे मे कुछ लोगो की ये राय हैँ कि मैं चरमपंथी पागलपन की सीमा लांघ चुका हूँ कि मेरे शब्दों की आत्मा मे मीठा जहर बसा हैँ कि मेरी निर्लज़्ज़ता अपने असली रूप मे अपने को पेश करती हैँ ©Parasram Arora लोगो की राय