ज़रा नरमी दिखाओ कुछ..यहां लहज़े सख्त नहीं चलते, तुम्हारी रईसी नहीं चलती..ये ताज-ओ-तख़्त नहीं चलते, निभानें को निभातें हैं..ताल्लुक हम भी लोगों से.. सिफ़ारिशी फोन भी प्यारे..मगर हर वक्त नहीं चलते..!! -------अमित #सिफ़ारिश