इश्क ढलने लगा है अब मोहब्बत लाल हो बैठी हाथ मलने लगा है वो उसी की चाल ले बैठी की तपकर सोना होता है न तपकर सोना होता है उड़ी है नींद अब उनकी लो अब तो रात हो बैठी ©दीपेश #ब्रेकअप