White पल्लव की डायरी जुनून में है जिंदगी आपाधापी मची हुयी है दौड़ बराबरी की तय करने के लिये मन की मस्ती खोयी हुयी है तन हो गया बीमारियों का घर धन उसमे जा रहा है प्रतिष्ठित होने के लिये आज पैदा होते ही कोमल किशोरों को धन की जंग लड़ने के लिये उतारा जा रहा है हावी होता भोगवाद मकड़ी की तरह मानव उसमे फँसता जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari तन हो गया बीमारियों का घर #nojotohindipoetry