मैं जिंदगी से सवाल करता रहा और ज़िन्दगी हमेशा लाज़वाब होती रही है ख्वाब भी किसी दिन हकीकत में तब्दील होंगे क्योंकि कामयाबी भी रोज़ नज़दीक आ रही है अच्छे लोगो की हालात इन दोनों ठीक नही सब तरफ बुरे लोगों की पूछ होती रही है जिसने बचा लिया अपने ज़मीर को उन्ही के जीवन में फूलों की फ़सल उगती रही है आईने से इन आँखों को कब तक दूर रख पाएंगे आईने से मुख़ातिब होते ही आँखे तो बेनक़ाब होती रही है ©Parasram Arora बेनकाब ....