सुख की रोटी खानी है तो अभी सूखी रोटी खानी होगी सपने पूरे यदि करने हैं तो नींद अपनी तुम्हे गंवानी होगी पाते हो अकेला खुद को जो ये जिंदगी गले लगानी होगी चोटिल हो हस्ती जो तेरी तो स्वयं को मरहम लगानी होगी पाते हो अंधेरा जीवन में तो हौसलें से शमां जलानी होगी चाहते हो मंजिल पाना जो दिलोजां से वो चाहनी होगी बढ़ना है जीवन में आगे तो हर पुरानी याद भुलानी होगी 'प्रिये' करो प्रयत्न परिश्रम से हर जुबां पे तेरी कहानी होगी ©Poetic कुमार #कविता #poem #Motivational #inspirat