पता नहीं क्यूँ? ए मुशाईर हम इस चांदनी रात में, उसकी नशीली आँखों को यूँ देखते ही रह गए | ©प्रसन्न शेखर सिंह पता नहीं क्यूँ? ए मुशाईर हम इस चांदनी रात में, उसकी नशीली आँखों को यूँ देखते ही रह गए | ©प्रसन्न शेखर सिंह Follow @zindagi_ek_nazm on @mirakeeapp @hindiwriters @mushaaiir @reshamthegreat @hindilekh