White शीर्षक- जिसको भी चाहा तुमने साथी बनाना ------------------------------------------------------------ जिसको भी चाहा तुमने साथी बनाना, मुकुर गया वो तुमसे। मिलाया नहीं हाथ किसी ने तुमसे।।-----------------(2) जिसको भी चाहा तुमने ----------------------।। एक था वो जिसने जाना नहीं कभी। मेरे बारे में उसने सोचा नहीं कभी।। चाहता नहीं था वो बात करना। उठाया नहीं कभी परदा दिल से।।-----------(2) जिसको भी चाहा तुमने --------------------।। और वो तो खेला जीभरकै दिल से। बनाया दीवाना हमको अपने हुस्न से।। उसको मिल गया कोई हमसे बेहतर। छुड़ा लिया दामन उसने भी हमसे।।-------------(2) जिसको भी चाहा तुमने ---------------------।। अब ऐसी सूरत से पायेंगे क्या हम। होंगे नहीं इससे बर्बाद क्या हम।। मतलब है इसको सिर्फ पैसों से। मतलब नहीं इसको मेरे इस दिल से।।------------(2) जिसको भी चाहा तुमने ----------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #गीतकार