उसकी आस्था मेरे विश्वास को मजबूत बनाती है कठिन फैसलों को लेने में वो वाकई साहस दिखाती है व्रत उपवास नियम निर्वहन में हरदम रहती है जुटी कुटिया को मेरी सजा कर रखती है जैसे पर्णकुटी करवाचौथ में चंद्र पूजती अहोई अष्टमी में पूजेगी तारे भी कसर नहीं रखेगी सेवा में कोई गौरीशंकर डमरु वाले की बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla KK क्षत्राणी KK क्षत्राणी