मशहूर बात बात पर हँसने वाले वो गमगीन हो जाएंगे, नूर नुमाईश के तलबगार पर्दानशीं हो जाएंगे, करीब कफ़स बिछाने वाले वो दूर हो जाएंगे, मैं गर कुछ बोल दूंगा तो वो मशहुर हो जाएंगे बेनजीर तबस्सुम लिये जो नजर उठाया करते हैं, चश्म के पैमाने आब-ए-तल्ख पिलाया करते है, वक़्त के आइने के आगे वो नासबूर हो जाएंगे, मैं गर कुछ बोल दूंगा तो वो मशहुर हो जाएंगे, महफ़िल के है आकिल आला हमने मान लिया, चांद सितारे लेते होंगे ज़िया उनसे मान लिया, इम्तेहां-ए-वफ़ा में वो मगर ज़ा'इ गुरूर हो जाएंगे, मैं गर कुछ बोल दूंगा तो वो मशहुर हो जाएंगे, खनक के शौकीन वो है दौलत के गर्जमंद है, हुस्न की हुकूमत उनकी पर पर्दे में पाबन्द है, करेंगे तमाशा कजा का हम वे बाकसूर हो जाएंगे, मैं गर कुछ बोल दूंगा तो वो मशहुर हो जाएंगे, #मशहूर