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अपने पुनर्जन्म क़े पहले ही दिन मै चुन लूँगा अप

अपने पुनर्जन्म  क़े  पहले ही दिन 
मै  चुन लूँगा 
अपना धर्म  अपना देश  अपना मजहब 
तब मै ये नहीं कहूंगा  क़ि जो ज़मीन 
मुझे मिली है वोही  मेरा वतन  है 
तब  पूरे जहां की  ज़मीन  मेरा  वतन होगी 
जिस घर मे  मुझे मिलेगी पनाह... मै नहीं 
कहूंगा वही  मेरा खानदान है.... तब पूरे 
विश्व का  हर  घर  मेरा  खानदान होगा 
जिस मजहब  मे मेरा  मेरा जन्म होगा वही मेरा  मजहब  हो ये जरूरी नहीं होगा 
तब दुनिया का हर मजहब मेरा  धर्म होगा

©Parasram Arora ग्लोबल  आदमी का जन्म
अपने पुनर्जन्म  क़े  पहले ही दिन 
मै  चुन लूँगा 
अपना धर्म  अपना देश  अपना मजहब 
तब मै ये नहीं कहूंगा  क़ि जो ज़मीन 
मुझे मिली है वोही  मेरा वतन  है 
तब  पूरे जहां की  ज़मीन  मेरा  वतन होगी 
जिस घर मे  मुझे मिलेगी पनाह... मै नहीं 
कहूंगा वही  मेरा खानदान है.... तब पूरे 
विश्व का  हर  घर  मेरा  खानदान होगा 
जिस मजहब  मे मेरा  मेरा जन्म होगा वही मेरा  मजहब  हो ये जरूरी नहीं होगा 
तब दुनिया का हर मजहब मेरा  धर्म होगा

©Parasram Arora ग्लोबल  आदमी का जन्म