तेरे नजर-ए-तीर का मारा हूँ मैं.. तेरे हुस्न-ए-शरीर का मारा हूँ मैं.. अ जालिम ना कर नजरअंदाज मुझको.. पहले से ही तकदीर का मारा हूँ मैं.. 🙂🙂🙂 Ombir kajal ©Ombir Kajal नजर-ए-तीर