वो शख़्स जो मुझ में रहता है कई अरसे से,जगा है बहुत ये दुनियां हैं,इस ने मुझे ठगा हैं,बहुत गिन के चार लफ्ज़ उस ने बेरुखी से बोले जो मैंने कुछ कहा तो नहीं, मग़र दिल को लगा हैं,बहुत मैं नहीं हु कुछ भी बेशक निगाह में उस की उसे न कहिए कुछ अजनबी हो फ़िर भी मेरा सगा हैं बहुत फैसले कीजिए,कीजिए फ़ासिले हक़ आप को हैं हमारी बात कुछ और हैं हम को,तजुर्बा हैं बहुत वो एक शख़्स नहीं हैं,मेरी नज़र से देखो तो हम को इकलौता कई ज़िंदगियों का वसिला हैं वो,इक महज़ पूरा हो सके इस शर्त पे ही चाहना उस को ये कैसी नहूसत बयान करते हो ऐसा न कहो,ये बुरा हैं,बहुत हम को बेबाक, हैं हासिल फ़न खामोशी का उस का मेरे क़रीब तो मर्तबा हैं,बहुत... ©ashita pandey बेबाक़ #good_night शायरी लव रोमांटिक लव सैड शायरी