एक तेरी खातिर उफ़ तौबा!.. क्या-क्या करना पड़ता हैं! जिंदगी तुझे जीने के लिए.. कितना मरना पड़ता हैं! रोज नई तकरार हुई.. यहां जीत के अक्सर हार हुई, ख़ुद से ही लड़ाई होती हैं.. यहां ख़ुद से लड़ना पड़ता हैं!! --अमित कुमार 'जय' ©AMIT KUMAR JAY #जिंदगी #जिंदगी_का_सफर #कशमकश_जिंदगी_की #शायरी #citylife