राजधानी और शताब्दी को भी पीछे छोड़ देती है जिंदगी भी आजकल बहुत तेज दौड़ती हैं बचपन में ही तैयारी जोर शोर से बड़े होने की बड़े हो कर तैयारी और भी बड़े होने की चलती ही रहती है जद्दोजहद सबसे बड़े होने की आखरी दाव तक जंग सबसे ही बड़े होने की हीरे जैसे चमकते सुख साधनों की चाह में बड़ी ही बेमोल सी हो गई अनमोल जिंदगी बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla चाह बड़े होने की #safar