तू सोहणी तू सुणक्खी तू हीर बरगी सै, मेरी किस्मत रांझे मजनू अर किसी फकीर बरगी सै, मैं डूबते सूरज की ज्यूं जाण लागरया अंधेरे की गिरफ्त मैं, तू सवेर के चढ़ते सूरज की तस्वीर बरगी सेै, मैं टूटी फूटी टूपकती झोपड़ी, तू ताज जिसी सै, मैं अतीत की धुंधली यादों सा, तू खुशनुमा आज जिसी सेै, म्हारी कर करकेै बातां यो हास्या करै जमाना, तू पुराने किसे खजाने के राज जिसी सै, तू परियों की कहानियां की ज्यूं रोमांचक सै, मैं भूतों की कहानियां की ज्यूं डराया करूं, तू मां की मीठी लोरी की ज्यूं सुवाया करै, मैं बेसुरे किसी राग की ज्यूं जगाया करूं, मैं बंजर किसी जमीन बरगा फालतू सा हूं, तू किसी महाराजा की कीमती जागीर बरगी सेै, मैं डूबते सूरज की ज्यूं जाण लागरया अंधेरे की गिरफ्त मैं, तू सवेर के चढ़ते सूरज की तस्वीर बरगी सै, Ombir kajal ©Ombir Kajal Ru sohni tu sohni #freebird