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कुछ बेहद करीबी ही हमारा शिकार कर रहे हैं ऐतबार की

कुछ बेहद करीबी ही हमारा शिकार कर रहे हैं
ऐतबार की चादर में बेदर्दी से सूराख कर रहे हैं 

अफ़सोस शिद्दत से जताने वाले ही शर्मिंदा सरे बाजार कर रहे हैं
कहां से लाएं खरीद कर अपने कुछ ज़ख्म दर्द बेहिसाब कर रहे हैं
बबली भाटी बैसलाज्ञ

©Babli BhatiBaisla
  शिकार

शिकार #शायरी

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